हंस लो गा लो ख़ुशी मना लो
गुण गाओ करतार का !
बड़े भाग्य से आया भैया
युग यह भ्रष्टाचार का !
अगर मास्टर हो तो सुन लो
गैर हाजिरी का पथ चुन लो ,
बनकर नेता करो दलाली
जो भी फंसे धान सा धुन लो,
अधिकारी की करो बुराई
डंका पीट प्रचार का !
बड़े भाग्य से आया भैया
युग यह भ्रष्टाचार का !
अगर डाक्टर प्रतिभाशाली
होवे डिग्री चाहे जाली,
मुर्दे का भी इलाज करके
जेब करो लोगों की ख़ाली ,
ऐसी देना दवा कि जिससे
मर्ज बढे बीमार का !
बड़े भाग्य से आया भैया
युग यह भ्रष्टाचार का !
अगर भाग्य से हैं अधिकारी
निज महलहीन तो महा अनारी,
पाल दलालों को दस बारह
फैला दो घूस की बीमारी ,
बन जायेगा नंदन कानन
भाग्य तुम्हारे थार का !
बड़े भाग्य से आया भैया
युग यह भ्रष्टाचार का !
नेता हो तो कहना क्या है
दरिद्रता में रहना क्या है,
शेष शीघ्र ..................................
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3 टिप्पणियाँ:
शानदार...
bahut badhiya !
क्या खूब दिया है घुमा के ! बधाई अरविन्द भाई !
हो सके तो आगे मेरी ओर से यह पंक्ति भी जोड़ लीजियेगा -
स्विट्ज़रलैंड के गुप्त बैंक से हुए अनोखे इकरार का ,
बड़े भाग्य से आया भैया युग यह भ्रष्टाचार का !
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Thanks for your valuable comment.