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यह अंदर की बात है, लिहाज़ा इसे अंदर ही रखना Blog Fixing

Written By DR. ANWER JAMAL on मंगलवार, 26 अप्रैल 2011 | 10:38 am



‘लालच इंसान को गिरा देता है और गुटबंदी में पड़कर आदमी इंसाफ़ से हट जाता है।‘ यही बात एक एग्रीगेटर को एग्रीकटर में तब्दील कर देती है। जब यह सब हो तो कुछ ऐसे सवाल ज़रूर सिर उठाते हैं, जिन्हें आप निम्न लिंक पर जाकर न ही देखें तो अच्छा है।
आखि़र क्या फ़ायदा है सच जानने का ?, जबकि सच का साथ देना ही नहीं है।
और यह भी :

कैसा होता है एक बड़े ब्लॉगर का वैवाहिक जीवन ? Family Life


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2 टिप्पणियाँ:

Shalini kaushik ने कहा…

achchha tareeqa hai anvar ji bloggars ko apne blog par bulane ka.man gaye.

आशुतोष की कलम ने कहा…

अनवर भाई ..
हम आप के साथ है...शायद नए ब्लोगेर को कुछ लोग बहका रहें है और आप को उलझा रहें है..
देखिये में इशारे की भाषा समझता नहीं आप नाम लें और लेख का लिंक दे...मैं नया हूँ इसलिए मुझे यही नहीं समझ में आ रहा है की फिक्सिंग कहाँ हो रही है
आप खुल कर बोलिए न में भी विरोध करता हूँ अगर सत्यता है आप की बातो में..लेकिन आप की कई पोस्ट देखि में उन महानुभावों का नाम ही नहीं खोज प् रहा हूँ...
आप आगे बढ़िया हम आप के साथ है..
जय हिंद

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