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मैं मुंबई का ताज हूँ।

Written By Hema Nimbekar on शनिवार, 16 अप्रैल 2011 | 6:04 pm


एक ताज आगरा का और एक मैं ख़ुद मुंबई का ताज ही हूँ।
वो एक मकबरा है और अब मैं एक मकबरा ही हूँ॥
वो किसी की याद में है बना और मैं अब ख़ुद एक याद ही हूँ।
वो किसी के प्यार का प्रतीक है और मैं 56 घंटों के आतंक का प्रतीक ही हूँ॥


कल भी मुझे लोग निहारने आते थे और आज भी लोग मुझे देख रहे है।
कल मेरी खूबसूरती की तारीफ़ होती थी और आज मेरे काले धब्बो पे लोग गौर कर रहे है॥
एक तरफ़ गेट ऑफ़ इंडिया और सामने अपार समुंदर को निहारते लोग हुआ करते थे।
अब बस रह गए है कुछ ही लोग जो बार बार मेरे उन दिनों की याद मुझे दिला रहे है॥


कल यहाँ meetings,parties,dinners और lunches हुआ करते थे।
आज हर तरफ़ दहशत,आतक के निशान,कालिक और धुआ ही धुआ है॥
यहाँ Tata,Birla,Mittal,Ambaani और न जाने कितने लोगो ने कई कठिन फैसले लिए है।
मुझे देखने आए देशमुख और रामू भी जवाब नही दे पाये की वो आए किस लिए है॥


लोगो का इस तरह माजूम और रोश मैंने कभी मुंबई में ना देखा है।
मुझे और मेरे जैसे दूसरी इम्मारातो के लिए कभी इतने हमदर्दों का जलूस ना देखा है॥
देखा है मैं मेरी पनाह में आए कुछ लोगो को खुश होते हुए जश्न मानते हुए।
दहशत से डरे सहमे से गले लग लग कर अंधेरे में रोते हुए उन लोगो को मैंने देखा है॥


भारत में आए लोग आते है घुमते है आते ही पूछते है की आगरा का ताज कहाँ है।
सातो अजूबो में एक उस प्यार की इम्मारत की जैसी मिसाल सब सोचेंगे आज कहाँ है॥
देखेंगे वो हर इम्मार्तों को जायेंगे निहारेंगे हर कोने कोने भारत के अच्छे बुरे यादगार वो पल।
पर अब लगता है सब यहीं पूछेंगे कि यह ताज तो ठीक है अब बताओ मुंबई का ताज कहाँ है॥


 एक ताज आगरा का और एक मैं ख़ुद मुंबई का ताज ही हूँ।
वो एक मकबरा है और अब मैं एक मकबरा ही हूँ॥
वो किसी की याद में है बना और मैं अब ख़ुद एक याद ही हूँ।
वो किसी के प्यार का प्रतीक है और मैं 56 घंटों के आतंक का प्रतीक ही हूँ॥ 

~'~hn~'~
(Another poem written by me after Mumbai Attack-26 Nov 08 .....)

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3 टिप्पणियाँ:

तरुण भारतीय ने कहा…

हालातों के दर्द को सही बयाँ किया है आपने .........साथ ही इसमें प्रत्येक भारतीय का भी दर्द छिपा है ......... धन्यवाद

vandana gupta ने कहा…

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (18-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

http://charchamanch.blogspot.com/

Hema Nimbekar ने कहा…

धन्यवाद

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