सच कहा तो बुरा मान गये ....
जयपुर के एक देनिक अख़बार ने अपने मुख प्रष्ट पर प्रकाशित आलेख में पत्रकारिता के नाम पर चाटुकारिता और फिर भ्रस्ताचार के बाद भी खबरों को दबा देने और सरकार से विशिष्ठ सुविधाएँ प्राप्त करने वाले पत्रकारों का मजाक उड़ाया हे कहते हें के सच कडवा होता हे और इस लेख के प्रकाशन के बाद भी यही हुआ जयपुर के अखबार के कर्मचारी और कुछ मालिक इस सच से तिलमिला गये हें और इस मामले में सभी पत्रकारों ने जयपुर पिंक सिटी प्रेस क्लब में एक बैठक आयोजित कर इस खबर पर निंदा प्रस्ताव पारित किया हे , काश जयपुर के अखबार इस सच के छपने के बाद निंदा प्रस्ताव के स्थान पर खुद को सुधारने की शपथ लेते और खुद को सुधर कर अनुकरणीय उदाहरण पेश करते लेकिन चोरी और सीना जोरी बस इसी का नाम हे ........ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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