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वो, पास से

Written By Pappu Parihar Bundelkhandi on मंगलवार, 11 अक्तूबर 2011 | 8:04 am



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वो,
पास से,
गुज़र,
जाते हैं,

नज़र,
न,
ऊपर,
उठाते हैं,

उनके,
आने का,
अहसास,
हम,
भांप,
जाते है,

.........

औरों से,
बतियाते हैं,
हँसते हैं,
हँसाते हैं,

एक नज़र,
हमारी तरफ,
न फेरते हैं,
न फिरयाते हैं,

............

रोज़-रोज़,
आते हैं,
रोज़-रोज़,
चले,
जाते हैं,

हम,
देखते ही,
रह,
जाते हैं,

पास भी,
न,
फटक,
पाते हैं,

.........

पर,
एक अहसान,
वो,
कर,
जाते हैं,

चेहरा,
अपना,
हर रोज़ 
दिखा,
जाते हैं,

दिया,
दिल का,
जला,
जाते हैं,

रोशन,
निगाह,
कर,
जाते हैं,

आस,
एक,
जगा,
जाते हैं,

जाते-जाते,
कुछ ऐसा,
कर,
जाते हैं,


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1 टिप्पणियाँ:

vandana gupta ने कहा…

वाह …………मोहब्बत का इज़हार कर जाते हैं पर जुबाँ ना खोल पाते हैं ……………बहुत सुन्दर भावो को उकेरा है।

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