नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » » नए और उपेक्षित ब्लॉगर के लिए वरदान साबित हुआ AIBA

नए और उपेक्षित ब्लॉगर के लिए वरदान साबित हुआ AIBA

Written By Saleem Khan on गुरुवार, 17 मार्च 2011 | 6:07 pm

पाईये वास्तविक ब्लॉग-आज़ादी सिर्फ AIBA पर !!!
वे कश-म-कश में थे, वे परेशान थे, वे उपेक्षित थे और वे हैरान थे. उनमें थी ऊर्जा अपार परन्तु उन्हें मिल नहीं रहा था कोई खेवनहार. उन्हें चिंता थी कि जिस किसी सामूहिक ब्लॉग के मेम्बर हैं कब वे वहां से निकाल दिए जाएँ इसलिए डरे थे और मजबूरीवश ब्लॉग-मोडरेटर के ग़ुलाम थे. ग़लती से भी ब्लॉग-मोडरेटर कि दृष्टि वक्र हुई कि उनकी खटिया खड़ी हुई. कभी ब्लॉग की स्वयंभू-निर्मित आचार-संहिता के बहाने तो कहीं पूर्वाग्रह के चलते बलि का बकरा बनते जा रहे थे वे....!

वे फोन करते हैं...एक दुसरे को ! अरे रोको सलीम को यार वो तो क्या से क्या कर रहा है. रोज़ नए और नायाब तरीके लाता है. वे हीनभावना में आकर सेंसरशिप की वकालत करते हुई मुझे पता नहीं कहाँ कहाँ से बैन करवाते रहते हैं... मगर मैं इधर बैठ कर आप सबसे चैलेन्ज के साथ कहता हूँ कि सत्य की छड़ी मैं सदा थामे रहूँगा. मैं हर तूफ़ान के बाद पहले से ज़्यादा हरा-भरा हो जाता हूँ. इसी के चलते मैंने AIBA का गठन किया तो वे इसके विरोधी हो गए.. अब इसमें क्या ग़लत किया मैंने. AIBA का तो सभी ने स्वागत करना चाहिए था मगर नहीं, वे तो ग्रस्त हैं ही पूर्वाग्रह से... सलीम है तो विरोध करेंगे ही ! अरे भाई, अब भारत में इससे बड़ा तो कोई ब्लॉग-एसोशियेशन हो ही नहीं सकता इसलिए ज़िद छोडिये और बन जाइए इसके मेम्बर.


AIBA ने स्थापित किया वास्तविक ब्लॉग-लोकतंत्र, वास्तविक आज़ादी, वास्तविक स्थान जहाँ नए ब्लॉगर और उपेक्षित ब्लॉगर अपनी प्रतिभा को दुनियां के सामने दिखा सकें. AIBA का वादा है आपसे कि आपको यहाँ से कोई नहीं निकाल सकता तब तक, जब तक आप स्वयं न चाहें.

महान ममता मंडल का विस्तारीकरण
शीघ्र ही वन्दना जी की निगरानी में महान ममता मंडल का विस्तारीकरण होगा. महिला के वास्तविक सम्मान को भी AIBA ने ही सर्वप्रथम दिया और आगे भी देता रहेगा.

गुफ्तगू शेष है... मिलेंगे जल्द ही !!!

-सलीम ख़ान
संस्थापक AIBA
Share this article :

5 टिप्पणियाँ:

हरीश सिंह ने कहा…

जीवन में यदि विरोध न हो तो जीने का मजा ही नहीं आता.... हम सभी विरोधियों को मुहतोड़ जबाब देंगे.

आपका अख्तर खान अकेला ने कहा…

slaim bhai ne thik likhaa he sensr to ho lekin is sensr ke naam pr schchaai kaa agr gla ghonta jaaye to bs fir to kesi aazaadi ......... akhtar khan akela kota rajsthan

आशुतोष की कलम ने कहा…

Kisi ne sahi kaha hai..
virodhon sae mere sakhsiyat aur bhi nikhrati hai

vandana gupta ने कहा…

अपने कर्म मे सतत लगे रहना चाहिये ……………सुन्दर विचार लोगो तक पहुंचते रहने चाहिये।

Saleem Khan ने कहा…

AIBA ने स्थापित किया वास्तविक ब्लॉग-लोकतंत्र, वास्तविक आज़ादी, वास्तविक स्थान जहाँ नए ब्लॉगर और उपेक्षित ब्लॉगर अपनी प्रतिभा को दुनियां के सामने दिखा सकें. AIBA का वादा है आपसे कि आपको यहाँ से कोई नहीं निकाल सकता तब तक, जब तक आप स्वयं न चाहें.

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.