इस विषय पर श्री अशोक कुमार गुप्ता जी ने एक पोस्ट लगाई है बीबीएलएम ब्लॉग पर। उन्होंने अपना तजर्बा बयान करते हुए कहा है कि ज़्यादातर हिंदुओं को अपने धर्मग्रंथों की शिक्षा का सही पता नहीं है और न ही वे उसका पालन करते हैं बल्कि वे तो रामायण और गीता आदि के श्लोक ढंग से दोहरा भी नहीं पाते।
श्री अशोक जी की पोस्ट पढ़कर हमारे राष्ट्रवादी युवा भाई श्री अंकित जी भड़क गए और तुरंत उन्हें इस्लामिक दलाल घोषित कर दिया।
यानि कि आदमी सच बोले तो इल्ज़ाम खाए और अपनी इज़्ज़त गवांए इन राष्ट्रवादियों के हाथों।
ख़ैर तभी बीबीएलएम मंच ने वक्तव्य देकर बीच बचाव कराया।
श्री अशोक जी की पोस्ट पढ़कर हमारे राष्ट्रवादी युवा भाई श्री अंकित जी भड़क गए और तुरंत उन्हें इस्लामिक दलाल घोषित कर दिया।
यानि कि आदमी सच बोले तो इल्ज़ाम खाए और अपनी इज़्ज़त गवांए इन राष्ट्रवादियों के हाथों।
ख़ैर तभी बीबीएलएम मंच ने वक्तव्य देकर बीच बचाव कराया।
इस पोस्ट को आप देख सकते हैं यहां
2 टिप्पणियाँ:
हमें आप से तथ्यों के कुटिल संपादन की ही आशा थी , मेरी प्रतिक्रिया उनके द्वारा अयोध्याया में मस्जिद बनाने की वकालत को लेकर थी |
@ प्रिय अंकित जी ! मैंने श्री रामचंद्र जी और सीता जी के नाम इतने आदर से लिए हैं और संस्कृत के लिए भी इतने अच्छे विचार व्यक्त किए हैं लेकिन इसके बावजूद भी आपने हमें ‘असुर‘ कह दिया। राष्ट्रवादी बंधु मुसलमानों को इसी तरह इल्ज़ाम देकर अपने से दूर कर देते हैं और फिर कहते हैं कि मुसलमान हमारा साथ नहीं देते।
मुसलमान तो आपका साथ दे दें लेकिन आप लेने को भी तो तैयार हों भाई।
आप तौहीन करेंगे तो भी कुछ मुसलमान आपके साथ ज़रूर आ जाएंगे लेकिन ये वो ख़ुदग़र्ज़ मुसलमान होंगे जो आएंगे केवल अपना काम निकालने के लिए। अब आप ख़ुद सोचिए कि इस तरह भड़क भड़क इल्ज़ाम लगाने से आप राष्ट्रवादियों का हित कर रहे हैं या अहित ?
सादर !
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