इंसान केवल इंसान है और अगर उसके दिल से ख़ुदा का डर निकल जाए तो वह केवल हैवान है। आज नेता, पत्रकार और पुलिस के बारे में ही लोग टीका-टिप्पणी कर रहे हैं जबकि सुरक्षा बलों में नौकरी करने वाले भी इन्हीं जैसे हैं। ये लोग भी कम ग़ज़ब नहीं ढाते हैं बल्कि इनमें से कुछ तो ऐसे काम कर देते हैं कि विदेशी आतंकवादियों भी पनाह मांग जाएं। एक गूंगी बहरी लड़की के साथ बलात्कार करने के जुर्म में ऐसे ही जवानों को सज़ा की ख़बर पढ़ी तो हमने एक इस पर कुछ लिखा और जब हम अपनी पोस्ट के लिए गूगल के ज़रिए फ़ोटो ढूंढ रहे थे तो एक फ़ोटो में भारतीय नारियों को बिल्कुल नंगा खड़े देखा। नारी पवित्र है और यह धरती भी।
तब यह क्यों नंगी खड़ी हैं यहां ?
यह जानने के लिए जब उस पोस्ट पर पहुंचे तो वहां भारतीय रक्षकों का एक और काला कारनामा नज़र आया। उस फ़ोटो को तो हम अपने ब्लॉग पर नहीं दे सके लेकिन उसका लिंक अपनी पोस्ट में ‘शर्मनाक घटनाएं‘ शब्दों में टांक दिया है।
ऐसी घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं और इनसे कई गुना वे घटनाएं हैं जो कि सामने नहीं आ पाती हैं।
क्या होगा इस देश का जिस पर विदेशी आतंकवादी तो हमले कर ही रहे हैं लेकिन इस देश के नागरिक और रक्षक भी जघन्य कांड कर रहे हैं।
अब आप सोचिए कि क्या बीएसएफ़ और सेना के जवान भी नहीं भटक रहे हैं ?
क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
क्या आज हरेक तबक़े के लोग भटक नहीं रहे हैं ?
कब और कैसे ख़त्म होगा यह भटकाव ?
इन पर मौन मत रहिए आप।
आप बोलिए और बताइये इस भटकाव का अंत होगा कैसे ?
एक दूसरे को दोष देने का समय नहीं है यह, समाधान बताइये और फिर उसमें जुट जाइये।
आइये इस पोस्ट पर !
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