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अमन का पैग़ाम टी. वी. और सय्यद मुहम्मद मासूम साहब की वेबसाइट्स से क्यों नाराज़ हैं नफ़रत की फ़ज़ा बनाने वाले ?

Written By DR. ANWER JAMAL on रविवार, 10 जुलाई 2011 | 7:40 am

‘अमन का पैग़ाम‘ आज एक कसौटी की शक्ल अख्तियार कर चुका है। कोई भी नफ़रत फैलाने वाला इस ब्लॉग पर नहीं आता है और अगर आ भी जाए तो ‘अमन का पैग़ाम‘ के साथ दो क़दम भी नहीं चल पाता। बहुत बड़े समझे जाने वाले बहुत से नाम ऐसे हैं जो कि यहां कभी नज़र ही नहीं आए।
सय्यद मुहम्मद मासूम साहब को ब्लॉग जगत में एस. एम. मासूम के नाम से जाना जाता है। वह ख़ुद तो मुंबई में रहते हैं लेकिन उनका दिल जौनपुर में रहता है। जौनपुर से अपना ताल्लुक़ क़ायम रखने के लिए उन्होंने ब्लॉग भी बनाया है और एक वेबसाइट भी बनाई हुई है, जिन पर जौनपुर के मंदिर-मस्जिद से लेकर जौनपुर की मूली और मिठाई तक के बारे में जानकारी मिल जाती है।
इसके बावजूद ब्लॉग जगत में उनकी पहचान ‘अमन के पैग़ाम‘ की वजह से है।
हालांकि ब्लॉग तो उनके कई हैं
1.      हक़ और बातिल
2.      बेज़बान
3.      ब्लॉग संसार
और इसके अलावा कई वेबसाइट्स भी हैं  और यू ट्यूब पर अमन का पैग़ाम टी. वी. भी है।
इसके बावजूद जब भी जनाब मासूम साहब का नाम लिया जाता है तो उनके नाम के साथ ‘अमन का पैग़ाम‘ ब्लॉग ही याद आता है।
आखि़र इसकी वजह क्या है ?
यह जानने के लिए देखें निम्न लिंक :
http://www.hamarivani.com/user_profile.php?userid=692&blog_id=1001
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