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अरे भई साधो......: छठे तहखाने का रहस्यलोक

Written By devendra gautam on मंगलवार, 12 जुलाई 2011 | 9:14 am

तिरुअनंतपूरम के पद्मनाभ स्वामी मंदिर के पांच तहखानों की दौलत आराम से निकल आई. परिसंपत्तियों की सूची भी बन गयी लेकिन जब छठे तहखाने को खोलने की बारी आई तो उसमें तिलस्मी इंतजामात की बात सामने आने लगी. कोलकाता के एक दैनिक अखबार ने 1930 में किसी दैनिक अखबार में प्रकाशित एमिली गिलक्रिस्ट हैच नामक लेखक के लेख का हवाला देते हुए एक दिलचस्प रिपोर्ट प्रकाशित की है. लेख के मुताबिक 1908 में कुछ लोगों ने छठे तहखाने का दरवाजा खोला तो उन्हें साँपों की फौज के साथ कई सिरों वाला किंग कोबरा नज़र आया. वे जान बचाकर भाग निकले. ऐसी किंवदंती है कि कई सिरों वाला और कांटेदार जिह्वा बाला एक विशाल किंग कोबरा सांप मंदिर के खजाने का रक्षक है. छठे दरवाज़े का तहखाना खुला तो वह पानी के अंदर से बिजली की रफ़्तार से निकलेगा और सबकुछ तहस-नहस कर देगा. एक किंवदंती यह भी है कि छठे तहखाने का संबंध अरब सागर से है और उसका दरवाजा खुलते ही तेज़ रफ़्तार से पानी भरने लगेगा और प्रलय आ जायेगा. 136 साल पहले ऐसी नौबत आई थी. मंदिर के कर्मचारियों ने छठा तहखाना खोलने की कोशिश की तो तो मंदिर में तेज़ रफ़्तार से पानी भरने की आवाज़ आने लगी. उन्होंने घबराकर दरवाज़ा बंद कर दिया. शहर के लोगों का भी इस तहखाने का अरब सागर से संबंध होने की किंवदंती पर विश्वास है.

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1 टिप्पणियाँ:

SANDEEP PANWAR ने कहा…

अरे कोई है, जो डराता है, इसे उस धन पर बैठा दो, जो विदेश में जमा है।

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