जनाब एस. एम. मासूम साहब के बारे में हमने अभी हाल ही में कहा था कि
जनाब एस. एम. मासूम साहब ने ख़बर दी है कि
चिट्ठा जगत पे आयें और अपने ब्लॉग को जोडें ब्लॉग संसार से.
उनकी यह पोस्ट हमारीवाणी अब तक 56 पाठकों द्वारा खंगाली जा चुकी है और अभी रात तक इसे पढ़ा जाता रहेगा . यह एक रिकॉर्ड है हमारी वाणी पर।
बहरहाल,
हैरत का संबंध दूसरे लिंक में दी गई पोस्ट से है जिसमें यह देखकर एक सुखद आश्चर्य होता है कि जनाब मासूम साहब को अब ‘चिठ्ठाजगत.इन्फ़ो‘ के स्वामी के तौर पर भी जाना जाएगा।
क्यों है न हैरत की बात ?
इससे भी ज़्यादा मज़ेदार है इस एग्रीगेटर का आफ़र, कि वह 100 ब्लॉगर्स को अपने यहां पोस्ट का लिंक देने का अधिकार भी दे रहा है। जिसका आधार ‘पहले आओ पहले पाओ‘ की नीति है। लोग आ रहे हैं और जुड़ रहे हैं।
इस एग्रीगेटर को शायद कम पसंद किया जाए क्योंकि जो लोग ब्लॉगिंग को एक नशे की तरह लेते हैं या ब्लॉग जगत को अपनी धड़ेबंदी से तबाह किए हुए हैं वे लोग तो ‘हमारीवाणी‘ पर भी बहुत देर से आए और बहुत जल्दी उसकी निष्पक्षता का काम तमाम कर दिया। ये लोग हरगिज़ अपना ईमेल आईडी देकर इस ‘निष्पक्ष एग्रीगेटर‘ से जुड़ने वाले नहीं हैं।
यहां कोई ऐसी लिस्ट नहीं है जो वोट और कमेंट के आधार पर ब्लॉगर्स को अपना क़द ऊंचा दिखाने के लिए मजबूर या प्रेरित करती हो। यहां तो पाठकों की संख्या भी नहीं दर्शाई जाती। दर्शाई जाने वाली चीज़ केवल पोस्ट है और पोस्ट यहां जगमगा रही है मोटे मोटे अक्षरों में। ये मोटे अक्षर इसलिए आते हैं क्योंकि यहां पोस्ट डाली जाती है ‘Create a link‘ पर क्लिक करके। जनाब सलीम खान साहब के ब्लॉग्स की पोस्ट्स भी वहां अपनी छटा बिखेर रही हैं .
आप भी इस नए अनुभव में शरीक हों, आपको मज़ा ज़रूर आएगा, अगर आप किसी गुटबाज़ी के शिकार नहीं हैं तो ...।
यह अवसर आपके अन्तर्मन का सच भी आपके साथ साथ सबके सामने ले आएगा।
अब आप सोच रहे होंगे कि
जनाब एस. एम. मासूम साहब ने ख़बर दी है कि
चिट्ठा जगत पे आयें और अपने ब्लॉग को जोडें ब्लॉग संसार से.
उनकी यह पोस्ट हमारीवाणी अब तक 56 पाठकों द्वारा खंगाली जा चुकी है और अभी रात तक इसे पढ़ा जाता रहेगा . यह एक रिकॉर्ड है हमारी वाणी पर।
बहरहाल,
हैरत का संबंध दूसरे लिंक में दी गई पोस्ट से है जिसमें यह देखकर एक सुखद आश्चर्य होता है कि जनाब मासूम साहब को अब ‘चिठ्ठाजगत.इन्फ़ो‘ के स्वामी के तौर पर भी जाना जाएगा।
क्यों है न हैरत की बात ?
इससे भी ज़्यादा मज़ेदार है इस एग्रीगेटर का आफ़र, कि वह 100 ब्लॉगर्स को अपने यहां पोस्ट का लिंक देने का अधिकार भी दे रहा है। जिसका आधार ‘पहले आओ पहले पाओ‘ की नीति है। लोग आ रहे हैं और जुड़ रहे हैं।
इस एग्रीगेटर को शायद कम पसंद किया जाए क्योंकि जो लोग ब्लॉगिंग को एक नशे की तरह लेते हैं या ब्लॉग जगत को अपनी धड़ेबंदी से तबाह किए हुए हैं वे लोग तो ‘हमारीवाणी‘ पर भी बहुत देर से आए और बहुत जल्दी उसकी निष्पक्षता का काम तमाम कर दिया। ये लोग हरगिज़ अपना ईमेल आईडी देकर इस ‘निष्पक्ष एग्रीगेटर‘ से जुड़ने वाले नहीं हैं।
यहां कोई ऐसी लिस्ट नहीं है जो वोट और कमेंट के आधार पर ब्लॉगर्स को अपना क़द ऊंचा दिखाने के लिए मजबूर या प्रेरित करती हो। यहां तो पाठकों की संख्या भी नहीं दर्शाई जाती। दर्शाई जाने वाली चीज़ केवल पोस्ट है और पोस्ट यहां जगमगा रही है मोटे मोटे अक्षरों में। ये मोटे अक्षर इसलिए आते हैं क्योंकि यहां पोस्ट डाली जाती है ‘Create a link‘ पर क्लिक करके। जनाब सलीम खान साहब के ब्लॉग्स की पोस्ट्स भी वहां अपनी छटा बिखेर रही हैं .
आप भी इस नए अनुभव में शरीक हों, आपको मज़ा ज़रूर आएगा, अगर आप किसी गुटबाज़ी के शिकार नहीं हैं तो ...।
यह अवसर आपके अन्तर्मन का सच भी आपके साथ साथ सबके सामने ले आएगा।
अब आप सोच रहे होंगे कि
ख़ैर, मुबारक हो मासूम साहब को और उनसे जुड़ने वालों को !!!
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