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नीरज द्विवेदी
,
भाव रस
» शायद गुरूर होगा
शायद गुरूर होगा
Written By नीरज द्विवेदी on शुक्रवार, 29 जुलाई 2011 | 7:20 pm
कभी थोड़े भाव बढ़ा
,
कभी आसमान पर पहुंचा दिया करते हैं
,
सपने देख नहीं पाता कोई
,
और वे तोड़ पहले दिया करते हैं
,
शायद गुरूर होगा इस पर
,
की उन पर हम लिखा करते हैं
,
तरश नहीं आया उन्हें हम पर
,
जो वो रोज किया करते हैं॥
Life is Just a Life
-- Neeraj Dwivedi
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