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» » ग़ज़लगंगा.dg: खेल-तमाशे दिखा रहा है......
ग़ज़लगंगा.dg: खेल-तमाशे दिखा रहा है......
Written By devendra gautam on रविवार, 3 जुलाई 2011 | 5:21 pm
खेल-तमाशे दिखा रहा है यारब क्या.
हम धरती वालों से तुझको मतलब क्या.
कुछ परदे के पीछे है कुछ परदे पर
उसे पता है दिखलाना है कब-कब क्या.
प्यार से जीना प्यार से मरना है प्यारे!
हम इन्सां हैं और इन्सां का मज़हब क्या.
ग़ज़लगंगा.dg: खेल-तमाशे दिखा रहा है......
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:
1 टिप्पणियाँ:
रविकर
ने कहा…
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति |
बधाई |
रविवार, 3 जुलाई 2011 को 6:08:00 pm IST बजे
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