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ब्लॉगर की किन-किन हरक़तों से ब्लॉग एग्रीगेटर का सौन्दर्य बिगड़ता है? एक सम-समियिकी विश्लेषण.

Written By Saleem Khan on सोमवार, 4 अप्रैल 2011 | 6:55 am

मुद्दे की बात पर अगर मैं यही से शुरू हो जाऊंगा तो कई फ़ायेदे होंगे::: 
एक- समय बच जायेगा. 
दो - पोस्ट पढने में शीघ्र ही मज़ा आने लगेगा. 
तीन- मुझे कीबोर्ड पर अपनी उँगलियों को कम ही ज़हमत देनी पड़ेगी. 

निम्नलिखित कारणों से हिन्दी ब्लॉग के ख़ूबसूरत, नहीं बेहद ख़ूबसूरत एग्रीगेटर का सौन्दर्य बिगड़ जाता है:::
  • अगर ब्लॉगर कोई सामूहिक ब्लॉग चला रहा है तो वह स्वतः हिन्दी ब्लॉग एग्रीगेटर के सौन्दर्य को बिगड़ने का दोषी मान लिया जायेगा.
  • अगर सामूहिक ब्लॉग का मालिक कोई मुसलमान है तो फिर उसकी ख़ैर नहीं उसके लिए 'यमराज प्रवृत्ति' त्वरित रूप से लागू होगी. *'यमराज प्रवृत्ति को जानने के लिएयहाँ क्लिक करें.
  • उस सामूहिक ब्लॉग के मालिक का फ़ोटो बिना किसी ख़ास मेहनत के बार-बार एग्रीगेटर पर दर्शित होगा जो कि असहनीय है क्यूंकि फलां ब्लॉग एग्रीगेटर पर अब चुकि बहुमत वर्ग का आधिपत्य हो गया है इसलिए उन्हें सामूहिक ब्लॉग के मालिक का फ़ोटो अब अत्यंत नागवार गुज़र रहा है. ख़ास कर सलीम का.
  • चूँकि फेसबुक विदेशी बाला है और हिन्दी ब्लॉग एग्रीगेटर भारतीय इसलिए उसका प्राकृतिक रूप से सौन्दर्य अपने आप ही कम है इसलिए उसके चेहरे पर कई लोग एक साथ न देंखें. इससे भी उसका सौन्दर्य बिगड़ जाता है.
  • बहुमत के तथ्यात्मक सौदे के तहत उनका पावडर ब्लॉग एग्रीगेटर के लिए ठीक नहीं इसलिए हमारा ब्लॉग एग्रीगेटर सिर्फ बहुमति-कृत पावडर ही इस्तेमाल करेगा.
  • अगर किसी मुसलमान ब्लॉगर ने अपने ब्लॉग के पोस्ट को हाई लाईट करने के उद्देश्य से कोई नया बल्कि बहुत ही नया तरीक़ा इस्तेमाल किया तो वह ब्लॉग एग्रीगेटर के सौदर्य को स्वतः ही बिगड़ने वाले की श्रेणी में मान लिया जायेगा.
क्या करें:::
  • चाटुकारिता के सर्वोच्च शिखर पर विराजमान हो जाएँ तो फिर आप अगर ब्लॉग एग्रीगेटर का बलात्कार भी कर दें बल्कि उसकी हत्या भी कर दें तब भी आप सौन्दर्य बिगाड़ने वाले न कहलायेगे.
  • अगर ब्लॉग एग्रीगेटर का मालिक मुसलमान है तो उसे बहुमत का डर दिखा कर उसमें घुसपैठ कर लें.
  • ब्लॉग एग्रीगेटर के मालिक को झाड़ पर चढ़ा कर बंधक बना लें.
  • ब्लॉग एग्रीगेटर की बुद्धि को लोकतांत्रिक घुट्टी पिला कर उसकी पूंछ दबा लें.
  • क्रिकेट के इस मौसम में ब्लॉग एग्रीगेटर पर स्लॉग ओवर इतनी बार खेलें कि कैप्टन (एग्रीगेटर मालिक) का नाम ओ निशान तक नज़र न आये.
  • ब्लॉग एग्रीगेटर के मालिक को कल्पना और परिकल्पना के जाल में इस क़दर उलझा दें कि वह अपना वजूद भी महसूस न कर सके.
  • चूँकि ब्लॉग एग्रीगेटर के मालिक की आँखों में लोकतांत्रिक बनाने का शौक़ परवान चढ़ चूका है इसलिए उसे तुरंत कैश करा लें.
अगर आप उपरोक्त में से कुछ न कर सकें तो या तो:::
बहुमत समाज के कहे अनुसार चले अथवा अपने ब्लॉग्स को (मेरी तरह) उस ब्लॉग एग्रीगेटर से हटा लें और कुरआन की इस शिक्षा को याद कर लें कि "जब ईश्वर एक दरवाज़े बंद कर देता तो दस दरवाज़े खोल देता है."
 तो अब आपने जाना कि ब्लॉगर की किन-किन हरक़तों से ब्लॉग एग्रीगेटर का सौन्दर्य बिगड़ता है?
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1 टिप्पणियाँ:

Learn By Watch ने कहा…

सलीम जी,

मुझे नहीं पता कि हमारी वाणी के संचालकों को इसकी तकनीकी जानकारी है अथवा नहीं पर मुझे है तो मैंने सोचा कि क्यूँ न आप लोगों की समस्या को हल करते हुए आलेख लिखे जायें -

तो पहला लेख ये रहा

क्या आप एक से ज्यादा ब्लॉग पर एक ही लेख लिखते हैं ?

उम्मीद है आपको फायदा होगा,

और इससे पहले कि आप "अपना ब्लॉग" पर भी इस तरह के लांछन लगाना शुरू कर दें इस नियमावली को पढ़ लें, आपको मेल भेजा गया है पर कोई उत्तर आपकी तरफ से नहीं आया है बाद में निरर्थक बातें करने से कोई लाभ नहीं होगा

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